प्रशासन बेखबर, राहुल पहुंचे भट्टा परसौला गांव
ग्रेटर नोएडा। प्रशासन को बिना जानकारी दिए हुए काग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भट्टा परसौल गाव के लोगों से मुलाकात की। यहा के लोगों की भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई थी। राहुल प्रशासन को सूचित किए बगैर गाव में सुबह के छह बजे पहुंचे और ग्रामीणों के घर गए। उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को समझने के लिए उनसे बात की।
गौरतलब है कि शनिवार को पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद यह जगह पार्टियों के लिए राजनीतिक अखाड़ा बन गया। राजनीतिक दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति की तीखी आलोचना की है।
अमेठी से सासद राहुल ने बीते साल अलीगढ़ जिले के टप्पल गाव का दौरा किया था और 'यमुना एक्सप्रेस-वे परियोजना' के लिए मायावती सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि के लिए अधिक मुआवजे की माग की थी।
ग्रेटर नोएडा और इससे सटे इलाकों के किसान अपनी जमीन के लिए मायावती सरकार से अधिक मुआवजे की माग कर रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल दिल्ली में राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि सरकार संसद के आगामी सत्र में भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने गौतम बुद्ध नगर में किसानों पर पुलिस कार्रवाई की कल निंदा करते हुए माग की थी कि भूमि अधिग्रहण के चलते विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए एक नया कानून बनाया जाए।
जोशी ने कहा कि किसानों की जमीन सस्ती दर पर लेना और उद्योगपतियों को इसका दुरूपयोग करने की इजाजत देना गलत है। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जारी आदोलन के मद्देनजर किसानों ने राज्य के गाजियाबाद जिले के महरौली गाव में कल जितेन्दर नागर के नेतृत्व में एक पंचायत की और अपनी जमीन छोड़ने से इंकार कर दिया।
अपने आदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए किसान घर-घर गए और ग्रामीणों से कहा कि वह उनकी जमीन वापस दिलाने के लिए सरकार पर दबाव डाले।
ग्रेटर नोएडा। प्रशासन को बिना जानकारी दिए हुए काग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भट्टा परसौल गाव के लोगों से मुलाकात की। यहा के लोगों की भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई थी। राहुल प्रशासन को सूचित किए बगैर गाव में सुबह के छह बजे पहुंचे और ग्रामीणों के घर गए। उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को समझने के लिए उनसे बात की।
गौरतलब है कि शनिवार को पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद यह जगह पार्टियों के लिए राजनीतिक अखाड़ा बन गया। राजनीतिक दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति की तीखी आलोचना की है।
अमेठी से सासद राहुल ने बीते साल अलीगढ़ जिले के टप्पल गाव का दौरा किया था और 'यमुना एक्सप्रेस-वे परियोजना' के लिए मायावती सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि के लिए अधिक मुआवजे की माग की थी।
ग्रेटर नोएडा और इससे सटे इलाकों के किसान अपनी जमीन के लिए मायावती सरकार से अधिक मुआवजे की माग कर रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल दिल्ली में राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि सरकार संसद के आगामी सत्र में भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने गौतम बुद्ध नगर में किसानों पर पुलिस कार्रवाई की कल निंदा करते हुए माग की थी कि भूमि अधिग्रहण के चलते विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए एक नया कानून बनाया जाए।
जोशी ने कहा कि किसानों की जमीन सस्ती दर पर लेना और उद्योगपतियों को इसका दुरूपयोग करने की इजाजत देना गलत है। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जारी आदोलन के मद्देनजर किसानों ने राज्य के गाजियाबाद जिले के महरौली गाव में कल जितेन्दर नागर के नेतृत्व में एक पंचायत की और अपनी जमीन छोड़ने से इंकार कर दिया।
अपने आदोलन के लिए समर्थन जुटाने के लिए किसान घर-घर गए और ग्रामीणों से कहा कि वह उनकी जमीन वापस दिलाने के लिए सरकार पर दबाव डाले।