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बुधवार, 18 मई 2011

भारद्वाज ने कहा, येद्दियुरप्पा के पास भारी बहुमत

भारद्वाज ने कहा, येद्दियुरप्पा के पास भारी बहुमत



बेंगलूर। कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा के पास भारी बहुमत है और इस बारे में कोई संदेह नहीं है।

कर्नाटक में भाजपा सरकार के साथ एक तरह से चल रहे राजनीतिक युद्ध के बीच, यहां एक सरकारी समारोह में मुख्यमंत्री के साथ मौजूद भारद्वाज ने अपने और येद्दियुरप्पा के बीच मतभेदों से बचने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के करीब एक सप्ताह बाद पहली बार भारद्वाज और येद्दियुरप्पा एक मंच पर नजर आए।

बहरहाल, खुद को वापस बुलाए जाने की भाजपा की मांग पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल के तौर पर उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति ने की थी तथा उनके [राष्ट्रपति के] अलावा और कोई उन्हें [भारद्वाज को] वापस नहीं बुला सकता।

कर्नाटक लोकसेवा आयोग के स्वर्ण जयंती समारोह में उन्होंने कहा, 'मैं यह तथ्य जानता हूं कि मुझे पूरी तरह संविधान के अनुरूप ही काम करना है।'

राज्यपाल ने कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की थी जिसके बाद भारद्वाज के खिलाफ भाजपा के उच्च्च स्तरीय अभियान में भाग ले कर आज सुबह नई दिल्ली से लौटे येद्दियुरप्पा तनावमुक्त नजर आए और मंच पर दोनों को कई बार बातचीत करते देखा गया। भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा 'यह समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री राज्य के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उनके पास भारी बहुमत है, इस बारे में कभी कोई विवाद नहीं रहा और हम मित्र हैं। यह राजनीतिक तनाव अप्रासंगिक है। हमें खुद को संविधान और कानून के प्रति समर्पित करना होगा।'

उन्होंने कहा कि जहां तक उनका सवाल है तो उनकी कुछ भी गलत करने की कोई योजना नहीं है लेकिन, 'मेरे हाथ संविधान से बंधे हुए हैं।'

भारद्वाज ने कहा कि वह चाहते हैं कि कर्नाटक में उनकी सरकार एक ख्यातिप्राप्त सरकार बने। उपनिषद को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि अतिथि भगवान की तरह होता है और राज्यपाल के तौर पर वह राज्य के अतिथि हैं।

नई दिल्ली में पिछले दो दिन में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात कर, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भारद्वाज की सिफारिश को खारिज करने और उन्हें वापस बुलाने की मांग की।

मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिल कर, अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा का सत्र शीघ्र बुलाने का अनुरोध करेंगे।

भारद्वाज ने येद्दियुरप्पा को राज्य के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने वाला मुख्यमंत्री करार दिया। उन्होंने कहा 'अभी भी मुख्यमंत्री राज्य के विकास के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि वह दिन में 18 से 20 घंटे तक काम करते हैं।'

राज्यपाल ने यह आरोप खारिज कर दिया कि वह पक्षपात करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी पक्षपात नहीं किया। उन्होंने कहा कि येद्दियुरप्पा के खिलाफ उनके मन में कुछ भी नहीं है।

उन्होंने कहा, 'मेरे चपरासी से लेकर सचिव तक, मैं सभी के साथ प्यार और अपनेपन से व्यवहार करता हूं और बदले में यही चाहता हूं।' मुख्य सचिव, सचिवों और राज्य के नौकरशाहों को अपने संबोधन में भारद्वाज ने कहा 'सिद्धांतों के आधार पर और एक दूसरे को सम्मान देते हुए काम करिए।'

 उन्होंने राज्य के नौकरशाहों की सराहना करते हुए कहा कि वह अन्य राज्यों में अपने समकक्षों की तुलना में बेहतर काम कर रहे हैं। गुजरे जमाने की याद करते हुए येद्दियुरप्पा ने कहा कि राजनीति में आने से पहले, कभी वह एक क्लर्क के तौर पर सरकारी नौकरी करते थे। उन्होंने कहा 'मुख्यमंत्री बनने के बाद, मैंने कई सबक सीखे। आने वाले दो वर्षों में मैं पारदर्शी प्रशासन पर पूरा ध्यान दूंगा। इसके लिए मैं सभी वरिष्ठों का सहयोग चाहता हूं।'