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रविवार, 10 अप्रैल 2011

अन्ना हजारे से कोई विवाद नहीं: रामदेव

अन्ना हजारे से कोई विवाद नहीं: रामदेव



हरिद्वार। लोकपाल विधेयक के लिए नव गठित संयुक्त समिति में भाई भतीजावाद का मुद्दा उठाने के बाद योग गुरू रामदेव ने रविवार को कहा कि समिति में पिता पुत्र शाति भूषण और प्रशात भूषण को शामिल किए जाने से उन्हें कोई परेशानी नहीं है।

उन्होंने कहा कि शाति एवं प्रशात भूषण को समिति में शामिल किए जाने से मुझे कोई समस्या नहीं है। हमें इस विषय पर अन्ना हजारे के फैसले पर भरोसा है। मैंने सिर्फ यही कहा था कि कार्यकर्ता किरन बेदी को समिति में देखना चाहते थे।

रामदेव ने कहा कि भाई भतीजावाद का मुद्दा मीडिया ने उठाया, मैंने नहीं। जब इस बारे में मुझसे पूछा गया, तब मैंने कहा कि 'जन लोकपाल विधेयक' आदोलन में हमने भूमिका निभाई है। हमें समिति की संरचना के बारे में कुछ नहीं कहना है।

गौरतलब है कि रामदेव ने कहा था कि इस समिति में भाई भतीजावाद क्यों है? क्यों पिता और पुत्र दोनों को इस समिति में शामिल किया गया?

पूर्व आईपीएस अधिकारी किरन बेदी ने कहा है कि वह इस समिति में सदस्य नहीं बनना चाहती थी। किरन ने कहा कि यह एक 'ए प्लस' टीम है। इस समिति के सदस्य सिर्फ वही लोग हो सकते हैं जो सरकार के कामकाज को जानते हैं और वे एक ऐसे कानून को तैयार करने में मदद कर सकते हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के सभी पहलुओं पर गौर करे।

इस बीच, हजारे ने कहा कि वह योग गुरू से बात करेंगे क्योंकि इस पड़ाव पर यह अहम है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में देश एकजुट रहे। उन्होंने कहा कि मैं रामदेव से अनुरोध करूंगा कि वह ऐसा नहीं सोचें। हम सभी को देश को आगे ले जाना है। उनके अंदर देश के प्रति प्रेम है। मैं उनसे कहूंगा कि वह सिर्फ देश को ध्यान में रखें।