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शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

सादिक बाशा मौत मामले की जांच करेगी सीबीआई

सादिक बाशा मौत मामले की जांच करेगी सीबीआई




नई दिल्ली। जांच एजेंसी सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह सादिक बाशा मौत मामले की जांच अपने हाथ लेने को तैयार है। गौरतलब है कि बाशा पूर्व केंद्रीय मंत्री और 2जी घोटाले के आरोपी ए राजा के करीबी थे। बाशा ने संदिग्ध परिस्थिति में आत्महत्या कर ली थी।

उधर, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की सुनवाई के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता यूयू ललित को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया है।

जाच एजेंसी की ओर से हाजिर वरिष्ठ अधिवक्ता के. के. वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति जी. एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए. के. गागुली की पीठ को बताया कि सीबीआई ने बाशा की मौत के मामले में जाच का जिम्मा संभालने की इच्छा जाहिर की है।

इससे पहले, तमिलनाड़ु सरकार ने भी बाशा की मौत के मामले की सीबीआई से जाच कराने का पक्ष लिया था। पीठ ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल इंदिरा जयसिंह से कहा कि वह केंद्र से निर्देश लें और सीबीआई को मामला सौंपने संबंधी अधिसूचना जारी करने के बारे में चार अप्रैल तक सूचित करें।

सीबीआई ने शीर्ष अदालत को यह भी बताया कि 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सुनवाई के लिए खास तौर पर गठित विशेष अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता यू यू ललित विशेष लोक अभियोजक के रूप में पेश होंगे।

न्यायालय ने जाच एजेंसी के वकील से कहा कि वह विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना के बारे में निर्देश लें और मंगलवार तक इस बारे में सूचित करें। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बाशा की मौत के मामले की जाच सीबीआई को सौंपने की माग करती गैर-सरकारी संगठन 'सेंटर फार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' की अर्जी पर जाच एजेंसी से जवाब दाखिल करने को कहा था। इसी संगठन की अर्जी पर न्यायालय ने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले की सीबीआई जाच के आदेश दिए थे। बाशा से पिछले वर्ष दिसंबर में सीबीआई ने चार दफा पूछताछ की थी और उनके आधिकारिक तथा आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई थी।

38 वर्षीय बाशा को दक्षिण चेन्नई स्थित उनके घर में 16 मार्च को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया था। उनकी पत्नी ने दावा किया था कि बाशा ने आत्महत्या की क्योंकि वह जाच के दबाव का सामना नहीं कर पा रहे थे।

बाशा ग्रीनहाउस प्रमोटर्स के प्रबंध निदेशक थे। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि इस कंपनी ने राजा की ओर से लेनदेन किया। विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति के बारे में सीबीआई ने मंगलवार को शीर्ष न्यायालय को बताया था कि उसे इस मामले में सक्षम वकील ढूंढने में दिक्कत आ रही है क्योंकि जिन उद्योगपतियों तथा उनके अधिकारियों के इस मामले में नामजद होने की संभावना है, वे पहले ही आला वकीलों से अपने बचाव के लिए जुड़ चुके हैं।

हालाकि, वेणुगोपाल ने आज पीठ को बताया कि पूर्व में विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्ति के प्रतिच्अनिच्छा जाहिर कर चुके वरिष्ठ अधिवक्ता ललित जनहित में यह जिम्मा संभालने को तैयार हो गए हैं।