Google

मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

कांग्रेस संदेश ने किया शहीदों की जाति का उल्लेख

कांग्रेस संदेश ने किया शहीदों की जाति का उल्लेख



नई दिल्ली। आजादी की लड़ाई लड़ते हुए शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों ने शायद कभी सोचा भी नहीं होगा कि आजाद भारत में किसी दिन उन्हें जाति के खांचे में फिट कर उनकी पहचान बताई जाएगी। लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन की झंडाबरदार रही कांग्रेस पार्टी ने ऐसा किया है। पार्टी के मुखपत्र 'कांग्रेस संदेश' के मार्च माह के अंक में इन शहीदों की जाति का उल्लेख करते हुए इनकी पहचान बताई गई है। भाजपा ने इसे शहीदों का अपमान बताते हुए कहा है कि कांग्रेस देश से माफी मांगे।

हालांकि कांग्रेस को इसमें कुछ भी अनुचित नहीं दिख रहा है। मुखपत्र के संपादक अनिल शास्त्री ने कहा, 'इसको तूल नहीं दिया जाना चाहिए। क्योंकि इनकी जाति का उल्लेख करना जीवन वृतांत का हिस्सा है।'

कांग्रेस संदेश के मार्च के अंक में शहीद भगत सिंह का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि वह जाट सिख परिवार में जन्मे थे। जबकि राजगुरु के बारे में मुखपत्र कहता है कि वह महाराष्ट्र के भारतीय क्रांतिकारी थे और देशस्थ ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते थे। राजगुरू का जन्म पुणे के निकट खेड़ नामक स्थान पर हुआ था।

शहीदों की जाति के उल्लेख के मुद्दे को भाजपा ने फौरन लपक लिया। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह राष्ट्र के नायकों का अपमान है और ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस और उसकी सरकार ने राष्ट्र के महानायकों का अपमान किया हो। नकवी के मुताबिक, ''विभिन्न पुस्तकों के प्रकाशनों के जरिए कांग्रेस पहले भी कई बार ऐसा करती आई है। लेकिन अब वह सारी सीमाएं लांघ गई है। कांग्रेस पार्टी को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।''

विवाद गहराने पर कांग्रेस संदेश पत्रिका के संपादक अनिल शास्त्री ने कहा कि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। स्कूल और कालेज में जब हमें इतिहास पढ़ाया जाता है और जब महात्मा गांधी का उल्लेख होता है तो यह बताया जाता है कि वह गुजराती बनिया परिवार में जन्मे थे। भाजपा बिना बात का मुद्दा बना रही है।