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सोमवार, 7 मार्च 2011

सुप्रीमकोर्ट की सख्ती पर ईडी ने हसन को पकड़ा

सुप्रीमकोर्ट की सख्ती पर ईडी ने हसन को पकड़ा





मुंबई [जागरण संवाददाता]। प्रवर्तन निदेशालय ने बड़े पैमाने पर काला धन सफेद करने और कर चोरी के आरोपी धोड़ा फार्म मालिक हसन अली खान को सोमवार की रात गिरफ्तार कर लिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने खान को सुप्रीम कोर्ट की ओर से उसकी गिरफ्तारी के लिए आज तक की समयसीमा निर्धारित किए जाने के मद्देनजर की गई। निदेशालय ने खान की गिरफ्तारी के लिए पुणे और अन्य शहरों में स्थित उसके सहयोगियों के परिसरों में छापेमारी की।

सुप्रीमकोर्ट की फटकार और सख्त कार्रवाई की ताकीद के बाद हरकत में आए आयकर और प्रवर्तन निदेशालय [ईडी] के प्रयासों ने सोमवार को असर दिखाया। निदेशालय ने दो साल से चकमा दे रहे कालेधन के सम्राट हसन अली व उनकी पत्नी को पुणे के कोरेगाव पार्क स्थित आवास से हिरासत में ले लिया। ईडी आफिस में अधिकारी अली दंपति से पूछताछ कर रहे है, जो रात भर चल सकती है।

सुप्रीमकोर्ट द्वारा हसन अली के मामले में सरकारी रवैये पर तल्ख टिप्पणी किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने अली के पुणे व कोलकाता स्थित हसन आवासों पर सुबह से डेरा जमा लिया था। दोपहर को अफसरों ने अली दंपति को पुणे स्थित आवास से पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया और उन्हीं की मर्सिडीज कार [एमएच-04, सीज़ेड-4297] से मुंबई ले आए।

इसके बाद अली दंपति को कई स्थानों पर ले जाकर छानबीन की। इसी क्त्रम में उन्हें पैडर रोड के आनंद भवन स्थित आवास भी ले जाया गया। रात 9.45 पर दोनों को ईडी आफिस लाया गया,जहा देर रात तक अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, निदेशालय की टीम मंगलवार को विभिन्न बैंकों में स्थित अली के खातों एवं लॉकरों की जाच करेगी।

प्रवर्तन निदेशालय ने सात मार्च को अली को हाजिर होने के लिए समन जारी किया था। हसन अली पर गैरकानूनी विदेशी मुद्रा और हवाला रैकेट चलाने के अलावा आयकर विभाग के 50 हजार करोड़ रुपये कर न चुकाने का आरोप है। यह रकम भरने का आदेश उसे दिसंबर, 2008 में हुआ था।

हसन अली के सहयोगियों के ठिकानों पर ईडी का छापा

नीलू रंजन। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद काले धन के सम्राट हसन अली और उसके सहयोगियों के खिलाफ जाच एजेंसियों का शिकंजा कसने लगा है। प्रवर्तन निदेशालय [ईडी] ने सोमवार को अली के खिलाफ मनी लाड्रिंग [अवैध धन को वैध बनाना] रोक कानून के तहत केस दर्ज करने के साथ ही उसके सहयोगियों के यहा छापे मारे। लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का काला धन विदेशी खातों में जमा करने वाले पुणे के व्यापारी हसन अली के खिलाफ ईडी अब तक विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून [फेमा] के तहत कार्रवाई कर रहा था। फेमा में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं होने के कारण अली आजाद घूम रहा था।

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार को गंभीरता से लेते हुए ईडी निदेशक अरुण माथुर ने हसन केस की सारी फाइलें मुख्यालय मंगा, जाच की कमान खुद संभाल ली। इसके बाद उसके खिलाफ मनी लाड्रिंग रोक कानून के तहत कार्रवाई का फैसला हुआ। केस दर्ज करने के बाद ईडी ने अली वउसके सहयोगियों के पुणे, मुंबई, गुड़गाव, कोलकाता व हैदराबाद स्थित परिसरों पर छापे मारे।

कोलकाता में व्यवसाई काशीनाथ तापड़िया के निवास पर छापा मारा गया तो गुड़गाव में रहने वाले अली के सहयोगी फिलिप आनंद राज और उनकी बहन के घर की तलाशी ली गई है। फिलिप पहले स्विट्जरलैंड में रहता था और कोरमासूत्रा के नाम से रेस्तरा चलाता था।

माना जा रहा है कि फिलिप ने अली को स्विस बैंकों में अरबों रुपये का काला धन जमा कराने में मदद की थी। ईडी ने छापों के दौरान अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है। अमेरिका से आए एलआर के जवाब में अली के नए खाते का पता चला है, जिसमें सात लाख डालर जमा हैं। यहीं नहीं, ईडी ने हसन अली के पासपोर्ट खो जाने के दावे का झूठ भी पकड़ लिया है।