Google

गुरुवार, 24 मार्च 2011

मुअम्मर गद्दाफी ने दी फिर ललकार, हमले बरकरार

मुअम्मर गद्दाफी ने दी फिर ललकार, हमले बरकरार



त्रिपोली। हमला करने वाली पश्चिमी ताकतें इतिहास के गर्त में समा जाएंगी। यह ललकार कई दिनों बाद अपने समर्थकों से रूबरू हुए लीबियाई शासक मुअम्मर गद्दाफी की थी। पश्चिमी गठबंधन फौजों की पांच दिनों की बमबारी से बेखौफ नजर आ रहे गद्दाफी ने कहा-'जीत हमारी ही होगी।' इस बीच गठबंधन फौजों द्वारा हवाई हमले के कारण राजधानी त्रिपोली धमाकों से दहलता रहा।

सरकारी टीवी चैनल के मुताबिक 68 वर्षीय मुअम्मर गद्दाफी ने बुधवार को अपने आवासीय परिसर अल-अजीजिया की बॉलकनी से समर्थकों की भीड़ को संबोधित किया। अल-अजीजिया परिसर स्थित तीन मंजिली इमारत में गद्दाफी का कमान एवं नियंत्रण केंद्र भी है। यह इमारत रविवार की रात गठबंधन फौजों द्वारा क्रूज मिसाइल से किए हमले में ध्वस्त हो गई थी।

गठबंधन फौजों द्वारा शुरू हमले के बाद पहली बार जनता के सामने आए गद्दाफी ने कहा-'मैं हथियार नहीं डालने जा रहा। मैं तूफान से नहीं डरता और न ही उन विमानों से डरता हूं जो काली तबाही लाते हैं। मेरा घर यहा मेरे खेमे में है। मैं यहा हूं। मैं लीबिया में एक शहीद के रूप में मरने के लिए तैयार हूं। वक्त थोड़ा लगे या ज्यादा, हम पश्चिमी ताकतों को मात देकर रहेंगे।' अंतरराष्ट्रीय दबाव से बेअसर नजर आते गद्दाफी ने कहा-'हमला कतई नाजायज है। फासीवादी ताकतों की पागलपन का नतीजा है।' अपने पारंपरिक भूरे लबादे में लकदक गद्दाफी ने मारे गुस्से के जोरदार मुक्का मंच पर जड़ते हुए कहा-'मैं घुटने नहीं टेकने वाला।

ओबामा कहते रहें

गद्दाफी का यह आक्रामक रूख ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि लीबिया के खिलाफ अभियान 'ऑडिसी डान' [प्रकाश लाने वाला] में कोई कमी नहीं आने वाली है। यह अभियान गद्दाफी के सत्ता से बेदखल होने तक जारी रहेगा। या फिर गद्दाफी अपना रवैया बदलें और लीबिया के लोगों को अपनी आजादी की अभिव्यक्ति का मौका प्रदान करें। अन्यथा उन्हें सत्ता से बाहर जाना ही होगा। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका ऑपरेशन 'ओडिसी डॉन' से कुछ ही दिनों में मुख्य भूमिका से हट सकता है।

मिस्राता में 50 मारे गए

पांच दिनों से गठबंधन फौजों का निशाना बन रहे त्रिपोली में बुधवार को दो जोरदार धमाके सुने गए। मिस्राता से आ रही खबरों के मुताबिक गद्दाफी की सेना और विद्रोहियों के बीच जबरदस्त संघर्ष में 17 लोग मारे गए हैं। विद्रोहियों का आरोप है कि सरकारी फौजों की भारी गोलाबारी में बच्चों सहित 50 लोग मारे गए हैं। जिनतान से भी विद्रोही एक बार फिर खदेड़ दिए गए हैं।

खाना-पानी, दवा का संकट

अल जजीरा के मुताबिक गद्दाफी की फौजों ने करीब चार हफ्ते से मिस्राता को बंधक बना रखा है। नतीजतन खाना-पानी और दवाओं का अकाल पड़ गया है। अरब चैनल के मुताबिक यही स्थित अजदाबिया में भी है। यहां किसी भी पक्ष को कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही है। अजदाबिया में विद्रोहियों के बीच दो गुट उभर आए हैं। एक गुट त्रिपोली की ओर बढ़ने के लिए दबाव डाल रहा है तो दूसरा चाहता है कि अजदाबिया पर पूरी तरह कब्जा कायम हो जाए और पूरब में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखें।

नाटो तैयार

ब्रुसेल्स से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार नाटो लीबिया में हथियार प्रतिबंध और उड़ान वर्जित क्षेत्र लागू करने के अभियान में भूमिका निभाने को तैयार हो गया है। लेकिन सदस्य देशों में इस बात को लेकर मतभेद हैं कि इस गठबंधन को कमान अपने हाथ में ले लेना चाहिए या नहीं।

भाग रहे गद्दाफी: हिलेरी

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मानें तो उन्हें ऐसा लग रहा है कि गद्दाफी भागने की तैयारी में जुटे हैं। हिलेरी ने कहा-'मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि गद्दाफी लोगों को धोखे में रखने के लिए नाटक कर रहे हैं। असलियत यह है कि वह भागने की योजना में लगे हैं। ओबामा प्रशासन ऐसे कदम का स्वागत करेगा।'