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शनिवार, 26 मार्च 2011

फर्जी उड़ान लाइसेंस घोटाले में चार और धरे गए

फर्जी उड़ान लाइसेंस घोटाले में चार और धरे गए



नई दिल्ली। फर्जी उड़ान लाइसेंस घोटाला मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है। इसके तहत शनिवार को डीजीसीए के एक अधिकारी समेत चार लोग गिरफ्तार किया गया है।

इस गिरफ्तारी के साथ दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसने पायलटों को फर्जी मार्कशीट के आधार पर लाइसेंस प्राप्त करने के रैकेट की कमर तोड़ दी है।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में इन गिरफ्तारियों के साथ ही तीन पायलट समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

तीन पायलट और इस गिरोह से जुड़ा एक अन्य व्यक्ति अब भी फरार चल रहा है जबकि एक अन्य पायलट जाच में शामिल हो गया।

पुलिस उपायुक्त अपराध अशोक चंाद ने यहा संवाददाताओं से कहा कि हमने इस गिरोह की कमर तोड़ दी है। हम तीन पायलट और इस गिरोह से जुड़े एक अन्य व्यक्ति को ढूढ़ रहे हैं। यह व्यक्ति मुंबई में फ्लाइंग प्रशिक्षक है। ये सभी फरार हैं।

पुलिस ने बताया कि उन्होंने डीजीसीए अधिकारी प्रदीप कुमार, पायलट प्रदीप त्यागी और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक की पहचान ललित के जैन के तौर पर की गई है।

इन चार लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फर्जी रिकार्ड और दस्तावेज जमाकर वाणिज्यिक लाइसेंस हासिल करने वाले पायलटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए डीजीसीए ने हाल में 14 पायलटों को उड़ान भरने से रोक दिया था।

एक व्यक्ति तभी वाणिज्यिक विमान को उड़ाने की योग्यता हासिल करता है जब वह वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस [सीपीएल] प्राप्त करता है। एक व्यक्ति जब प्रशिक्षण के दौरान 200 घटे की उड़ान पूरा करता है तभी उसे सीपीएल दिया जाता है।

14 पायलट जिनका लाइसेंस वापस लिया गया है उन्होंने कथित तौर पर अनिवार्य घटे तक उड़ान भरने की शर्त को पूरा नहीं किया था और राजस्थान के एक उड़ान प्रशिक्षण संस्थान से कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किया था।

डीजीसीए प्रमुख ई के भारत भूषण ने हाल में कहा था कि करीब 10 हजार पायलटों का सीपीएल जाच के घेरे में है। इसके अलावा करीब 4000 एयरलाइंस पायलट ट्रेनिंग लाइसेंस [एटीपीएल] रखने वाले लोग भी जाच के दायरे में हैं।

भूषण ने यह भी कहा था कि डीजीसीए लाइसेंस हासिल करने में जालसाजी के मामलों को देखते हुए देश के सभी 40 उड़ान स्कूलों की तीसरे पक्ष से ऑडिट कराएगा। उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों की मदद से कुछ पायलटों के फर्जी अंकपत्र या अवैध साधनों के जरिए लाइसेंस हासिल करने को गंभीर मुद्दा बताते हुए सरकार ने इसके प्रति कोई नरमी नहीं दिखाने का संकल्प जताया है।