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शनिवार, 5 मार्च 2011

नेहरू खानदान का ही गोत्र लागू होगा वरुण पर भी

नेहरू खानदान का ही गोत्र लागू होगा वरुण पर भी



वाराणसी : नेहरू खानदान का ही गोत्र माना जाएगा वरुण का। यह कहना है कांची मठ के शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती का। शनिवार को हनुमानघाट स्थित कांची कामकोटिश्वर मठ में पहुंचे शंकराचार्य मीडिया से मुखातिब थे। वरुण गांधी की शादी से जुड़े सवालों पर वह बोले, अगर फिरोज गांधी के पौत्र होने के नाते वरुण की शादी होती तो मैं कैसे रहता। वह तो जवाहर लाल नेहरू के गोत्र के हैं। इसलिए अब आप (मीडिया) वरुण के नाम के आगे गांधी के बजाय पंडित लिखें। यानी वरुण पंडित व उनकी पत्नी को यामिनी पंडित। स्वामी जयेंद्र सरस्वती के मुताबिक रविवार की सुबह जब वरुण व यामिनी काशी कामकोटिश्वर मंदिर में बनी बेदी पर अग्निकुंड के सात फेरे लेंगे तो वह परिसर में ही मौजूद रहेंगे। विवाह कार्यक्रम को सनातन हिंदुओं के उत्तर भारतीय पद्धति से संपन्न कराया जाएगा। इसे तीस वैदिक विद्वान संपन्न कराएंगे जिनमें एक कश्मीरी तथा एक उत्तर भारतीय ब्राह्मण मुख्य पुरोहित के तौर पर मौजूद रहेंगे। साथ ही बंगाली पुरोहित वधू यामिनी राय चौधरी की पारिवारिक परंपरा को पूरा कराएंगे। शंकराचार्य ने कहा कि उनके मठ में या उनकी मौजूदगी में यह पहली शादी नहीं है। वह तमिलनाडु में कांची मठ की ओर से हर वर्ष अगस्त में बड़ी तादाद में लोगों की शादियां कराते हैं चाहे वे दलित हों या फिर ब्राह्मण।