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गुरुवार, 24 मार्च 2011

आइटम के दम पर

आइटम के दम पर




यह सच है कि मुन्नी और शीला के क्रेज ने फिल्मों में आइटम गीतों की मांग बढ़ा दी है। निस्संदेह दबंग के हिट होने में मलाइका अरोड़ा और सलमान खान पर फिल्माए गीत मुन्नी बदनाम.. का बड़ा योगदान रहा। इस एक गीत की पॉपुलैरिटी ने दबंग के दर्शक तैयार किए। फराह खान की तीस मार खान ने रिलीज के पहले शीला की जवानी.. से ऐसा समां बांधा कि दर्शकों ने वीकएंड की एडवांस बुकिंग करवा ली। हालांकि तीस मार खान को दबंग जैसे दर्शक नहीं मिले, लेकिन जो भी दर्शक मिले, वे इसी गीत की वजह से मिले। फिल्म देखकर निकलते दर्शकों की जुबान पर एक ही बात थी कि फिल्म में शीला.. के अलावा कुछ था ही नहीं। दोनों फिल्मों की कामयाबी से हिंदी फिल्मों में आइटम गीतों की मांग सुनिश्चित हुई। यही वजह है कि दम मारो दम, रेडी और रा वन के आइटम गीतों की चर्चा की जा रही है। कहा जा रहा है कि अभी कुछ समय तक आइटम गीतों का जोर रहेगा।

हिंदी फिल्मों में आइटम गीतों का होना कोई नई बात नहीं है। पहले इन गीतों का फिल्म की कहानी से तालमेल बिठाया जाता था। राज कपूर और गुरुदत्त ने अपनी फिल्मों में ऐसे गीतों को फिल्म का हिस्सा बना कर पेश किया। फिर एक दौर ऐसा आया, जब हर फिल्म में हेलन एक फड़कता आइटम गीत पेश करती थीं। उनके साथ और बाद में ऐसी डांसरों को काफी काम मिला। मुमताज, जीनत अमान और परवीन बॉबी के दौर में हीरोइनें खुद ही आइटम गीत करने लगीं। उनकी प्रस्तुति बदली और हीरोइनों का अंदाज बदला। माधुरी दीक्षित ने तेजाब में एक दो तीन.. और बेटा में दिल धक धक करने लगा.. उसी परंपरा में गाया। थोड़ा पलटकर देखें, तो चाइना गेट के छम्मा छम्मा.. और दिल से के चल छैंयां-छैंयां.. गीत से आज के आइटम गीत की धमाकेदार शुरुआत होती है।

आइटम गीत वास्तव में एक ऐसा गीत है, जिसमें कोई अदाकारा भड़कीले या कम कपडे़े पहनकर मादक अंदाज में स्क्रीन पर आती है। उसके भाव और गीत का फिल्म से सीधा ताल्लुक नहीं होता। फिल्म की कहानी में किसी सपनीली परी जैसा उसका अवतरण होता है। अपने गीत के बाद वह फिर से गायब हो जाती है। ऐसे गीतों के बोलों में सेक्सुअल सबटेक्स्ट रहता है। निर्माता फिल्म के प्रचार में इसका जबरदस्त उपयोग करता है। कहा जाता है कि यौन दमित समाज में आइटम गीत कुंठित दर्शकों की यौन उत्कंठा बढ़ाते हैं और उन्हें सिनेमाघरों में खींच लाते हैं। मुझे याद है कि मेरे कस्बे में रिक्शे पर सिनेमा प्रचार करने वाला खुलेआम घोषणा करता था कि इस फिल्म में हेलन का डांस दो बार दिखाया जाएगा। यकीन करें, हेलन का डांस दो बार देखने के लालच में उस फिल्म के दर्शक बढ़ जाते थे। आज भी आइटम गीत दर्शक बढ़ाते हैं। कस्बों से लकर मेट्रो के सिनेमाघरों तक में इसका असर देखा जा सकता है।

दम मारो दम में दीपिका पादुकोण का अंदाज किसी मायने में आइटम गीत के डांसरों से कम नहीं है। सुना है कि मल्लिका सहरावत रेडी में आइटम गीत पेश करेंगी। चलो दिल्ली में याना गुप्ता फिर से जलवा बिखेरेंगी, तो भिंडी बाजार में कटरीना लोपेज तान के सीना हो जा कमीना.. गाती नजर आएंगी। मुन्नी और शीला के बाद आइटम गीतों का बहाव रुक ही नहीं रहा है। कॉमर्शियल फिल्मों के निर्देशकों को यह कामयाबी का आसान तरीका लग रहा है, जबकि सच्चाई के उदाहरण भी मुन्नी और शीला से लिए जा सकते हैं। अगर फिल्म की कहानी बेदम होगी, तो सिर्फ आइटम सांग के दम पर बड़ी कामयाबी नहीं हासिल की जा सकती।